मिच्छामि दुक्कड़म के बारे में आप में से बहुत कम लोग ही जानते होंगें। हो सकता है कि आप ये शब्द पहली बार सुन रहे हों। पर अगर आपके कोई फ्रेंड जैन धर्म को फॉलो करने वाले हों तो आप एक बार उनसे ज़रूर पूछियेगा कि ये मिच्छामि दुक्कड़म (Michhami Dukkadam meaning in hindi) किसे कहते हैं? चलिए मैं आपको बताता हूँ अपने hmj के माध्यम से।
जैन धर्म में एक पर्व होता है जिसका नाम है “पर्यूषण पर्व“। इस पर्व के आखिरी दिन मिच्छामि दुक्कड़म कहने की प्रथा है।
Michhami Dukkadam meaning in Hindi | मिच्छामि दुक्कड़म क्या होता है?
अब आपके मन में ये प्रश्न आ सकता है कि ये पर्यूषण पर्व क्या है?
आइये मैं आपको समझाता हूँ। ये जैन धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। श्वेताम्बर जैन इसे 8 दिन और दिगम्बर जैन इसे 10 दिन तक मनाते हैं।
ये जो पर्व होता है इसके आखिरी दिन क्षमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। और सबसे “मिच्छामि दुक्कड़म” कहकर क्षमा मांगी जाती है।
मिच्छामि दुक्कड़म का अर्थ है कि जो भी बुरा किया गया हो वो फलरहित हो।
जहां मिच्छामि का अर्थ क्षमा से है वहीं दुक्कड़म का अर्थ बुरे कर्मों से है। अर्थात मेरे द्वारा किये गए बुरे कर्मों के लिए मुझे क्षमा करें।
वैसे ये नार्मल सॉरी जैसा नही है कि किसी से सॉरी कहा और काम हो गया। ये एक तरह की ऐसी माफी है जो पूरे दिल से मांगी गई हो।
इसमें हम सारे भेदभाव भुलाकर सिर्फ सच्चे मन से माफी मांगते हैं। इसमें छोटा बड़ा ऊंच नीच कुछ भी नही देखा जाता है। बस सिर्फ एक सच्चे इंसान बनकर माफी मांगते हैं।
माफी मांगने से मन काफी हल्का महसूस करने लगता है और ऐसा प्रतीत होता है मानो दिल पर रखा भारी पत्थर हट गया हो।
Final words
Michhami Dukkadam मिच्छामि दुक्कड़म जैसा रिवाज वाकई काबिले तारीफ है। हमे अपना अहंकार side में रखकर जब सच्चे मन से माफी मांगनी होती है तो कितना असहज महसूस करते हैं हम।
मगर इस पर्व की यही खास बात है कि आपको असहज भी नही लगता और आप माफी मांग लेते हैं वो भी ह्रदय से। है न अच्छी बात।
अगर आपके पास भी ऐसी कोई अनोखी बात हो जो सभी को न मालूम हो तो आप हमें Contact पर जाकर मेल कर सकते हैं।