व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक- आज के इस आर्टिकल में व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक कौन-कौन से हैं, उनके बारे में जानेंगे।

जैसा कि आपको पता होगा कि व्यक्तित्व वास्तव में होता क्या है? व्यक्तित्व का अर्थ और परिभाषा और व्यक्तित्व परीक्षण की विधियों से आप भली भांति परिचित होंगे। यदि नही हैं तो पहले नीचे दिया गया यह आर्टिकल भी पढ़िये फिर इस आर्टिकल में आगे बढ़िए।

व्यक्तित्व का अर्थ एवं परिभाषा, व्यक्तित्व के प्रकार, व्यक्तित्व परीक्षण, व्यक्तित्व परीक्षण की विधियां

व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक,  Vyaktitva ko Prabhavit karne wale karak, Vyaktitva vikas ko prabhavit karne wale karak
व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक

व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले मुख्यतः 2 कारक हैं। –

  • वंशानुक्रम (Heredity)
  • वातावरण (Environment)
ये भी पढ़ें -  [बेस्ट] शिक्षा का महत्व पर निबन्ध

1- वंशानुक्रम का प्रभाव

व्यक्तित्व के विकास में वंश परम्परा के निम्न तत्वों का प्रभाव देखा जा सकता है। –

A- शारीरिक संरचना

इसका स्थान व्यक्तित्व निर्माण में विशेषतौर पर है। व्यक्ति की शारीरिक सुंदरता, आकर्षण आदि उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।

B- अन्तः स्रावी ग्रंथियां

गलग्रन्थि, उपवृक्क, पोष ग्रंथि, यौन ग्रन्थि आदि से एक रस निकलता है जिसे हार्मोन्स कहते हैं। इन सबका व्यक्तित्व विकास पर प्रभाव पड़ता है।

C- स्नायुमण्डल

जिसका स्नायुमण्डल जितना अच्छा व्यवस्थित होगा उसका व्यक्तित्व उतना अच्छा होगा। स्नायुमण्डल सुव्यवस्थित होने से मानसिक क्रियाएं सुचारू रूप से चलती रहती हैं। जो व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

D- बुद्धि

व्यक्तित्व निर्माण में बुद्धि का सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ता है। तीव्र बुद्धि वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व मन्द वाले से भिन्न होता है।

ये भी पढ़ें -  [Free Notes] Operation Black Board योजना क्या है?

व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक, Vyaktitva ko Prabhavit karne wale karak, Vyaktitva vikas ko prabhavit karne wale karak


2- वातावरण का प्रभाव

निम्न वातावरण व्यक्तिव विकास को प्रभावित करते हैं। –

A- भौतिक वातावरण

किसी भी स्थान की प्रकृति, जलवायु आदि का प्रभाव वहां के व्यक्तियों के व्यक्तित्व और पड़ता है। ठंडी जलवायु के व्यक्ति प्रायः स्वस्थ, बुद्धिमान, परिश्रमी होते हैं। जबकि गर्म जलवायु वाले काले, अस्वस्थ, आलसी एवं कम बुद्धिमान होते हैं।

B- सामाजिक वातावरण

जन्म से मृत्यु तक व्यक्ति समाज मे रहता है जिसका असर उसके व्यक्तित्व पर पड़ता है। अच्छे सामाजिक वातावरण में व्यक्तित्व अच्छा होता है जबकि गन्दे में बुरा होता है।

ये भी पढ़ें -  गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धान्त

C- सांस्कृतिक वातावरण

खानपान, रहन-सहन, आचार-विचार, रीति-रिवाज आदि को संस्कृति की संज्ञा दी जाती है। इसका प्रभाव भी व्यक्ति के व्यक्तित्व पर पड़ता है।

तो दोस्तों ये थे व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक। उम्मीद है आप सन्तुष्ट होंगे। अच्छे से पढ़ते रहिये, आगे बढ़ते रहिये।

Tags- व्यक्तित्व विकास को प्रभावित करने वाले कारक, व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक, Vyaktitva ko Prabhavit karne wale karak, Vyaktitva vikas ko prabhavit karne wale karak

Leave a Comment