तर्क का अर्थ, तर्क के सोपान एवं तर्क के प्रकार

तर्क का अर्थ, तर्क की परिभाषा, तर्क के प्रकार, तर्क के सोपान – आज के इस आर्टिकल में हम तर्क के बारे में पूरी तरह से जानेंगे। इसके बाद आपको कहीं और से तर्क पढ़ने की बिल्कुल आवश्यकता नही है।

तर्क के सोपान सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा तर्क का अर्थ, परिभाषा और प्रकार भी पता होना ही चाहिए।

तो आइए शुरुआत करते हैं तर्क के अर्थ से। फिर बढ़ेंगे इसकी परिभाषा, सोपान और प्रकार की ओर।

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तर्क का अर्थ एवं परिभाषा, तर्क के सोपान और तर्क के प्रकार

तर्क का अर्थ

जब इंसान के सामने कोई समस्या आती है तो उसे समाधान की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में तार्किक चिंतन का उदय होता है। तर्क चिंतन का सर्वोत्कृष्ट रूप है।

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तर्क वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी समस्या को हल करने के लिए वर्तमान परिस्थिति का निरीक्षण करके एक निष्कर्ष निकालने की कोशिश की जाती है।

तर्क की परिभाषा

इस तर्क के अर्थ को और स्पष्ट करने के लिए कुछ मनोवैज्ञानिको ने परिभाषाएं दी हैं। जो इस प्रकार हैं-

गेट्स व अन्य के शब्दों में तर्क की परिभाषा

“तर्क फलदायक या उत्पादक चिंतन है,जिसमे किसी समस्या का समाधान करने के लिए पूर्वानुभवों को नवीन रूप और तरीकों से पुनः संगठित या सम्मिलित किया जाता है।”

मन के शब्दों में

“व्यक्तित्व व्यक्ति के संगठित व्यवहार का सम्पूर्ण चित्र है।”

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तर्क के सोपान

डीवी के अनुसार तर्क के 5 सोपान हैं-

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तर्क के सोपान (Steps in Reasoning)

समस्या की उपस्थिति (Presence of a Problem)

तर्क का आरम्भ किसी समस्या की उपस्थिति से होता है। समस्या उत्पन्न होने पर ही व्यक्ति उसके बारे में सोचना समझना शुरू करता है।

समस्या की जानकारी (Comprehension of A Problem)

व्यक्ति समस्या का अध्ययन करके उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करता है और उससे सम्बंधित तथ्यों को एकत्र करता है।

समस्या समाधान के उपाय (Methods of Solving the Problem)

जब समस्या से सम्बंधित तथ्य एकत्र कर लिए जाते हैं तो फिर उसके विभिन्न उपायों पर विचार किया जाता है।

एक उपाय का चुनाव (Selection of One Method)

जब विभिन्न उपायों पर पूर्णरूपेण विचार किया जाता है तो उनमें से एक उचित उपाय का चयन किया जाता है।

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उपाय का प्रयोग (Application of Method)

जब उपाय का चयन कर लिया जाता है तो व्यक्ति उस उपाय का प्रयोग करता है।

तर्क के प्रकार

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तर्क के प्रकार (Kinds Of Reasoning)

तर्क के मुख्यतः 2 प्रकार हैं-

1- आगमन तर्क (Inductive Reasoning)

इस तर्क में उदाहरणों द्वारा नियमों का निरूपण किया जाता है। पहले उदाहरण बताए जाते हैं फिर नियमों तक पहुंचा जाता है।

2- निगमन तर्क (Deductive Reasoning)

यह आगमन तर्क का उल्टा है। अर्थात इसमे नियमों या सिद्धान्तों के आधार पर किसी परिस्थिति या वस्तु की सत्यता को प्रमाणित किया जाता है।

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