शिक्षण सहायक सामग्री- महत्व एवं प्रकार | Teaching Aids

दोस्तों शिक्षण सहायक सामग्री (Teaching Aids) से CTET में तो हर विषय की Pedagogy में 1-2 अंक के प्रश्न आते ही हैं। आज इस आर्टिकल में हम शिक्षण सहायक सामग्री के बारे में पढ़ेंगे उसके महत्व को जानेंगे और शिक्षण सहायक सामग्री के प्रकार (Types of Teaching Aids in Hindi) को पढ़ेंगे।

शिक्षण सहायक सामग्री क्या करती है? ये विषय वस्तु को सरल,रुचिकर,स्पष्ट, प्रभावशाली तथा स्थायी बनाती है।

शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व (Importance Of Teaching Aids)

शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व इस प्रकार है-

● शिक्षण सहायक सामग्रियों से अभिप्रेरणा मिलती है।

● ये कठिन से कठिन विषय-वस्तु को सरल, स्पष्ट, रुचिकर एवं सार्थक बना देती है।

● ये पठन-पाठन में नवीनता लाती है।

● इनके प्रयोग से समय और शक्ति की बचत होती है।

● ये रटने की प्रवृत्ति को कम करती है।

● ये विद्यार्थियों को पुनर्बलन प्रदान करती हैं।

● ये विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हैं।

● ये कक्षा में अनुशासन बनाये रखती हैं क्योंकि ये बच्चों में रुचि पैदा करती है।

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Shikshan sahayak samagri ka mahtva prakar

शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण ( Classification Of Teaching Aids)

इनको दो वर्गों में विभाजित किया गया है-

● इन्द्रियाँ आधारित

● तकनीकी आधारित

इन्द्रियाँ आधारित शिक्षण अधिगम सामग्री वो होती है जिसमे इंद्रियों का प्रयोग होता है। जैसे आंख का, कान का या दोनों का या फिर जिसमे क्रिया होती है करके प्रत्यक्ष रूप से सिखाया जाता है।

जबकि तकनीक आधारित शिक्षण अधिगम सामग्री में तकनीक की मदद से सिखाया जाता है।

इन्द्रियाँ आधारित शिक्षण सहायक सामग्री

ये 4 प्रकार की होती हैं-

  1. श्रव्य सामग्री
  2. दृश्य सामग्री
  3. श्रव्य-दॄश्य सामग्री
  4. क्रियात्मक साधन

1- श्रव्य सामग्री

Shravya shikshan sahayak samagri

● रेडियो

● टेपरिकार्डर

● ग्रामोफ़ोन

● लाऊडस्पीकर

● फोनोग्राफ/लिंग्वाफोन

उपरोक्त सभी श्रव्य सामग्री हैं क्योंकि इनसे केवल सुना ही जा सकता है।

2- दृश्य सामग्री

Drishya Shikshan Shayak samagri

● चित्र

● चार्ट

● ग्राफ

● मानचित्र

● प्रतिमान

● ग्लोब

● पोस्टर

● पाठ्य पुस्तक

● फ़िल्म पट्टियां

● फ्लैनल बोर्ड

● एपिस्कोप

उपरोक्त सभी दृश्य सामग्री हैं क्योंकि इनको केवल देखा जा सकता है।

3- श्रव्य-दृश्य सामग्री

Shravya drishya shikshan Shayak samagri

● टेलीविजन

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● कठपुतली

कम्प्यूटर

उपरोक्त दी हुई सामग्री श्रव्य-दृश्य शिक्षण सहायक सामग्री है क्योंकि इन्हें सुना भी जा सकता और देखा भी जा सकता है।

4- क्रियात्मक साधन

● रोल प्ले

● मेले

● प्रदर्शनियाँ

● भ्रमण

● प्रयोगशाला

इन सब मे प्रत्यक्ष करके सीखा सिखाया जाता है।

तकनीक आधारित शिक्षण सहायक सामग्री (Technology Based Teaching Aids)

ये 3 प्रकार की होते हैं-

  • सरल हार्डवेयर
  • जटिल हार्डवेयर
  • सॉफ्टवेयर

सरल हार्डवेयर

● एपिस्कोप

● स्लाइड प्रक्षेपी

● मयादीप

● फ़िल्म पट्टी प्रोजेक्टर

जटिल हार्डवेयर

● रेडियो

● टेलीविजन

● टेपरिकार्डर

● कम्प्यूटर

सॉफ्टवेयर

● स्लाइड

● फ़िल्म पट्टियां

● चित्र, चार्ट

● मानचित्र, फोटोग्राफ

● ग्राफ

शिक्षण अधिगम सामग्री कैसे बनाएं और प्रयोग करें?

आपको शिक्षण सहायक सामग्री यानी कि TLM बनाने के लिए बच्चों की कक्षा और समझ के स्तर को ध्यान में लेते हुए हमें आईडिया इम्पलीमेंट करना चाहिए।

शिक्षण अधिगम सामग्री बनाने के लिए हमें थोड़ा क्रिएटिव होने की ज़रूरत पड़ेगी।

जैसे हमे कक्षा 1 यानी कि class 1st के बच्चे के लिए TLM तैयार करना है तो इसमें हम चार्ट या थर्माकोल का प्रयोग कर सकते हैं। और जानवर, पक्षियों आदि के चित्रों का प्रयोग करते हुए गिनती, पहाड़े, ककहरा, बारह खड़ी आदि बना सकते हैं।

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पत्तियों, कंकड़, कंचे आदि के माध्यम से भी गिनती सिखाई जा सकती है।

ऐसे ही कक्षा और आगे की है तो हमे उनके समझ के स्तर को देखते हुए TLM बनाना होगा।

कविता, कहानी आदि को चार्ट में लिखकर क्लासरूम में लगा सकते हैं।

और बड़ी कक्षा के बच्चे हैं तो उनकी समझ के अनुसार त्रिभुज के प्रकार और कोणों को थर्माकोल के माध्यम से समझा सकते हैं।

अगर आप विद्यालय में प्रोजेक्टर रखे हैं तो उसका प्रयोग करके वीडियो के माध्यम से भी अधिगम करवा सकते हैं। ये सब सामग्री अधिगम को सरल और सहज बना देती हैं।

उम्मीद है दोस्तों आपको TLM या Teaching Aids पर आधारित यह आर्टिकल पसन्द आया होगा। अगर आपको यह अच्छा लगा है तो अपने दोस्तों से भी शेयर करिये।

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