राजा और मूर्ख बंदर की कहानी | Moral Story in Hindi | पंचतंत्र की कहानी

राजा और मूर्ख बंदर की कहानी पंचतंत्र के पहले तंत्र से ली गयी है। इस Moral Story in Hindi पढ़कर आपको एक सीख मिलेगी।

पंचतंत्र की हर कहानी कुछ न कुछ जीवन से जुड़ी शिक्षा देती है। यदि इन कहानियों को बच्चों को या बड़ों को सुनाया जाए तो उनको आनंद ज़रूर आएगा। और मोरल भी मिलेगा। यही प्रेरणादायक कहानियां ही तो हैं जो हमे अपना जीवन बेहतर बनाने में मदद करती हैं।

राजा और मूर्ख बंदर की कहानी – Moral Story in Hindi

एक बार एक राजा होता है जिसने एक बंदर (Monkey) पाल रखा होता है। राजा उस बंदर को छोड़कर किसी भी सेवक को अपने कक्ष में आने की अनुमति नही देता है।

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बंदर अक्सर राजा के कक्ष में ही रहता था।

फिर एक दिन कुछ यूं हुआ।

राजा के कक्ष में एक मक्खी आ गयी। और वो भनभना शुरू कर दी। बंदर की नजर उस पर पड़ी और उसने उस मक्खी को भगाने के कई प्रयास किये।

पर बंदर एक भी प्रयास में सफल न हो सका।

अब मक्खी उड़कर राजा के सीने में बैठ गयी।

बंदर ने अबकी बार मक्खी को मारने के लिए तलवार उठाई और उस तलवार से हमला किया।

और तलवार सीधे राजा के सीने में घुस गई।

राजा बहुत बुरी तरह से घायल हो गया और अंत में उसके प्राण भी चले गए।

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तो इस कहानी से हमे यही नैतिक शिक्षा मिलती है कि एक राजा जो कि लंबी आयु जीने की इच्छा रखता है, उसको मूर्ख नौकर नही रखने चाहिए।

और ये Moral Story in Hindi केवल राजा के लिए लागू नही होती। आज के संदर्भ में ये हर इंसान के लिए लागू होती है।

अंतिम शब्द- हिंदी नैतिक कहानी (Moral Story) राजा और मूर्ख बंदर पर

पंचतंत्र के पहले तंत्र की ये कहानी वाकई एक सबक है। अगर आपको ये कहानी पसन्द आयी है तो इसे शेयर भी करें।

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