पुस्तकालय पर निबन्ध: Essay on library in hindi

पुस्तकालय पर निबन्ध | Essay on library in hindi:

आजकल के वर्तमान समय मे पुस्तके हमारे जीवन मे बहुत ही उपयोगी हो गयी हैं। जिनके संरक्षण और हमारे ज्ञान की प्राप्ति हेतु पुस्तकालय होते है। जहां पर हम जाकर ज्ञान की प्राप्ति कर सकते है। तो आज हम आपको पुस्तकालय पर निबन्ध ,Essay on library in hindi  की जानकारी प्रदान करेंगे तो आइए शुरू करे।

पुस्तकालय पर निबन्ध ,Essay on library in hindi, पुस्तकालय पर पैराग्राफ, Library Essay in Hindi, Short Paragraphs on Library in Hindi
पुस्तकालय पर निबंध

प्रस्तावना – 

पुस्तकालय शब्द दो शब्दों से मिलकर के बना है ।पुस्तक एवं आलय ।जिसका अर्थ होता है -पुस्तकों का घर ।अतः  पुस्तकालय उस घर को कहते हैं।जहां अध्ययन हेतु कला साहित्य ,ज्ञान ,विज्ञान आदि की पुस्तकों का संग्रह बड़े स्तर पर किया जाता है। पुस्तकों के रूप में ज्ञान के भंडार का संरक्षण करने के कारण इसे ज्ञान भंडार गृह भी कहा जाता है।यदि पुस्तकालय ना होता तो पुस्तकों का संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार कठिन हो जाएगा।

ये भी पढ़ें -  [बेस्ट] शिक्षा का महत्व पर निबन्ध

भारत मे पुस्तकालय – 

भारत में सबसे बड़ा व सार्वजनिक पुस्तकालय कोलकाता स्थित राष्ट्रीय पुस्तकालय है। जिसकी स्थापना 1836 ईसवी में की गई थी वर्ष 1951 में यूनेस्को और भारत सरकार के संयुक्त प्रयास से दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना की गई।सार्वजनिक पुस्तकालय में कोई भी व्यक्ति जाकर पुस्तक के समाचार पत्र पत्रिकाएं का अध्ययन कर सकता है।अधिकतर सार्वजनिक पुस्तकालय में सदस्यता ग्रहण करने के बाद ही उसकी सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

डिलीवरी ऑफ बुक्स एक्ट –

वर्ष 1954 में डिलीवरी आफ बुक्स एप जिसे लाइब्रेरी एक्ट 1954 भी कहा जाता है। के लागू किए जाने के बाद प्रत्येक प्रकाशन की कुछ प्रतियां राष्ट्रीय पुस्तकालय को भेजना प्रशासकों के लिए कानून अनावश्यक कर दिया गया। जिसका लाभ राष्ट्रीय पुस्तकालय को मिला।किंतु आज देश को स्वतंत्र मिलने के इतने वर्षों के बाद भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के बावजूद भारत में पुस्तकालयों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

ये भी पढ़ें -  रवीश कुमार की जीवनी|【Best】Ravish kumar biography in hindi|

उपसंहार –

पुस्तकालय केवल विद्यालय महाविद्यालय छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि आम आदमियों के लिए विज्ञान का स्रोत होते हैं। इसलिए समाज में पर्याप्त संख्या में इनका होना आवश्यक है। पुस्तकालयों को वर्तमान संदर्भ में और अधिक उपयोगी बनाने के लिए उनके आधुनिक कारण पर भी जोर दिया जाना चाहिए।

यह आर्टिकल HINDIVAANI.COM के owner प्रवीण प्रधान द्वारा लिखा गया है। यदि आपके पास भी कोई यूनिक आर्टिकल हो तो गेस्ट पोस्ट सबमिट करें।

Tags- पुस्तकालय पर निबन्ध ,Essay on library in hindi, पुस्तकालय पर पैराग्राफ, Library Essay in Hindi, Short Paragraphs on Library in Hindi.

Leave a Comment