ईद उल फितर 2019 पर निबंध Eid par nibandh

ईद पर निबंध – भारत मे मनाए जाने वाले अनेक पर्वो की भांति ईद का भी बहुत महत्व है। यह मुस्लिम समुदाय का महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह आपसी सौहार्द और भाई चारे का त्योहार है। इस दिन व्यक्ति नए कपड़े पहन एक दुसरो के साथ खुशियों को साझा करता है। साथ ही साथ मददगार लोगो की दान देकर मदद भी करता है।

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ईद क्यों मनाई जाती है?


ईद मनाने के पीछे का एक कारण है। कि हजरत मोहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। उसी पीछे की खुशी में ईद मनाई जाती है सबसे पहली बार यह 624 ईसवी में मनाई गई थी। ईद के दिन मुस्लिमों के बीच का दान देने की परंपरा है। जिसे हम जकात या फितरा के नाम से जानते है।

ईद उल फितर
ईद उल फितर

इस दिन सभी लोग मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाते है।उसके बाद सभी लोग गले मिलते है। और एक दूसरे को ईद मुबारक होते है। उसके पश्चात सभी लोग एक दूसरे के साथ मिलकर के खाना खाते है। सभी लोग एक दूसरे के साथ खुशियों को बांटते है।

2019 ईद उल फितर कब है?

2019 में ईद 4 जून को मनाई जाएगी। इस दिन मंगलवार है। रमजान के तीसवे रोजे के बाद जब चांद दिखता है।तब ईद मनाई जाती है । इसे मीठी ईद भी कहा जाता है ।साल में ईद तो प्रकार के होती है। एक ईद को ईद उल फितर कहते हैं। जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है । और दूसरी ईद को ईद उल जुहा कहते हैं।जिसे हम बकरीद के नाम से भी जानते हैं।

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ईद पर बकरे क्यों काटते है?

सभी लोगों को पता है। जो ईद उल जुहा होती है ।जिसे हम बकरीद के नाम से भी जानते हैं। इस दिन जानवरों की बलि दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि धरती पर 1,24,000 पैगंबर आए थे। जिनमें से एक थे हजरत इब्राहिम। जिन्हें हम मुस्लिमों के नबी के नाम से भी जानते है। ऐसा कहा जाता है कि एक बार हजरत इब्राहिम के सपने में अल्लाह आते है।

और उनसे अपने जीवन की सबसे प्यारी चीज मांगते है। हजरत इब्राहिम को 80 साल की उम्र में औलाद हुई थी। तो जाहिर सी बात है कि उस समय सबसे प्यारी चीज उनकी औलाद ही रही होगी। इस विषय में हजरत इब्राहिम अपने बेटे से बात करते है। वही बात बताने के बाद हजरत इब्राहिम अपने बेटे की इच्छा को जानना चाहते है। उनका बेटा उनसे कहता है कि आप जैसा कहेंगे मैं वैसा करूंगा।

वैसे देखा जाए तो अल्लाह उनकी वफादारी और सब्र की परीक्षा लेना चाहते थे ।उसके पश्चात हजरत इब्राहिम एक रस्सी छुरी और आंखों में बांधने के लिए एक पट्टी लेते है। और एक मैदान की ओर आगे बढ़ते है। जैसे ही हजरत इब्राहिम अपने बेटे की बलि देने के लिए आगे बढ़ते है। उसी समय अल्लाह एक फरिश्ते को हुक्म देते हैं कि आप उनके बेटे की जगह एक भेड़ को खड़ा कर दीजिए। जैसे ही कुर्बानी देने के लिए हजरत इब्राहीम छुरी चलाते है। उनकी औलाद की जगह भेड़ आ जाता है। इस प्रकार सही सलामत उनका बेटा बच जाता है। और उस भेड़ की कुर्बानी हो जाती है। तभी से जानवरो की कुर्बानी देने की परंपरा चली आ रही है।

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ईद पर निबंध

भारत में अन्य त्योहारों की भांति ईद का भी अत्यधिक महत्व है। इसे हम ईद उल फितर के नाम से भी जानते हैं यह पर्व भारत देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।मुस्लिम धर्म में रमजान के पवित्र महीने का एक खासा महत्व है।

रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ मुस्लिमों के रोजे की भी शुरुआत हो जाती है।रोजे में बड़ी कठोरता से नियमों का पालन करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्यास्त के बाद ही अन्न को ग्रहण करते है। सूर्य उदय के पश्चात एक भी बूंद पानी नहीं पीते है।

रमजान का जब तीसवाँ रोजा होता है।उस दिन जब ईद का चांद दिखाई देता है। तब सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर के ईद मुबारक बोलते है। और सभी लोग ईद के चांद की ओर देख कर के एक दूसरे के के प्रति प्रार्थना करते है। यह एक प्रकार से आपसी सौहार्द का त्यौहार है। जिसमें लोग एक दूसरे को खुशियां बांटते है।

वैसे तो देखा जाए तो रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के साथ ईद की तैयारियां चालू हो जाती है। इस दिन लोग नए-नए वस्त्र आभूषण आदि पहनते है। और सभी लोग एक दूसरे के घर में जाकर के इस त्योहार को मनाते है।प्रत्येक व्यक्ति अपने घर में अच्छे-अच्छे पकवान बना करके रखते है ईद उल फितर को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है।

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इस दिन व्यक्ति लोगों के सामने सेवय्या और मिठाइयां पेश करते हैं और सभी लोग साथ में बैठ कर खाते है।और एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते है।ईद उल फितर को सर्वप्रथम 624 इसवी में मनाया गया था इस दिन हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी।इसी खुशी को मनाने के लिए ईद उल फितर को मनाया जाता है।

ईद पर कविता (Eid poem)

ईद का चांद अच्छा लगता है,
पर आप मत होइए कभी ईद का चांद।
आप बनना चाहते हैं चांद तो बेशक बनिये,
क्योंकि चांद हो कितना भी दूर,
दिखता है हमेशा उसका नूर।
अगर हो कोई गिला शिकवा हमसे,
तो आइए मिलिए इस ईद पर गले,
और कीजिये सारे गिले शिकवे दूर।
ईद की आपको बधाई,
आप हमेशा रहें आंनद से भरपूर।।

हैप्पी ईद।

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